PinnedDinesh Shrinetसाक़ी की नज़्मेंफरहत एहसास ने जश्न-ए-अदब में ‘साक़ी’ फ़ारुक़ी को श्रद्धा्ंजलि देते हुए उनकी शायरी पर चर्चा की। साक़ी का इसी साल 20 जनवरी को लंदन में निधन…Dec 4, 2020Dec 4, 2020
Dinesh ShrinetRising from the East : Western music in IndiaA wave arose from somewhere, and India started swinging. In the last few decades, the most significant cultural change seen in Indian…Jan 5, 2021Jan 5, 2021
Dinesh Shrinetअभी बोली जाने वाली कविताहालात बुरे तो हैं पर इतने भी बुरे नहीं हैं। फेक न्यूज़ और ट्रोल्स के इस दौर में इसी सोशल मीडिया ने एक सब-कल्चर का निर्माण किया है। इस…Dec 4, 2020Dec 4, 2020
Dinesh Shrinetतकलीफदेह ठहराव की कहानीकड़वी हवा’ सत्तर के दशक के सार्थक सिनेमा की याद दिलाती है। जब सिनेमा में गांव और गांव के लोग एक गहरे कन्सर्न के साथ आते थे। अभी की फिल्मों…Dec 4, 2020Dec 4, 2020
Dinesh Shrinetशांताराम की ‘दो आँखें बारह हाथ’बचपन में देखी गई तमाम अप्रतिम फिल्मों में से एक थी ‘दो आंखें बारह हाथ’। मैंने होश संभालने के बाद थिएटर में जाकर पहली ब्लैक एंड व्हाइट…Nov 26, 2020Nov 26, 2020
Dinesh Shrinetनेहरू का तर्कशील भारतजब मैं आठ साल का था तो मेरे पिता ने मुझे एक किताब दी थी। प्रकाशन विभाग ने वह सुंदर सी किताब छापी थी — ‘चाचा नेहरू की कहानी’। यह उनके पूरे…Nov 26, 2020Nov 26, 2020
Dinesh Shrinetपितृसत्तात्मकता की पड़ताल और दो फिल्मेंदो फिल्मों की तुलना करना एक दिलचस्प शगल हो सकता है। कई बार इस खेल में दोनों ही फिल्मों की छिपी हुई खूबियां उजागर होने लगती हैं। ‘सीक्रेट…Nov 26, 2020Nov 26, 2020
Dinesh Shrinetवर्चुअल आइने के लिए कुछ मुखौटेएक हम वो हैं जो ‘हैं’ और एक वो जो कि ‘दिखना’ चाहते हैं। ये जो ‘दिखने’ वाला मामला है, फेसबुक आने की वजह से बहुत आसान हो गया है। आप बड़ी…Nov 26, 2020Nov 26, 2020
Dinesh Shrinetटॉम आल्टर की स्मृतिजब मैंने इकनॉमिक टाइम्स ज्वाइन किया था तो फर्स्ट फ्लोर के हॉल से गुजरते वक्त एक युवा अंगरेज अपनी मैकबुक बैठा काम करता नजर आता था।Sep 4, 2020Sep 4, 2020